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Showing posts from May, 2009

For all my friends and juniors....for everyone who is missing his/her loved ones

This is for all my dear friends and dear juniors who are feeling bad because of the absence of their seniors,for everyone who is shedding tears at this moment of biding adieu to each other : दुनिया कुछ और नहीं एक बड़ा घर समझ लो किरायदार बदलते रहते हैं ,मकानमालिक कभी बदलता नहीं अलगाव भी ज़रूरी है की दुनिया का दस्तूर है यही बिछोह नहीं ये मन का ,बस एक कमरे से निकल कर दुसरे कमरे में जाना है कल तक जो मेरा था ,आज वो तुम्हारा है और कल वही किसी और का हो जाना है गर दीवारे गिरा भी दी तुमने ,पर आँगन तो हमेशा उतना ही है हंसी ख़ुशी से बिता दो ये वक़्त की ये साथ आखिर कितना ही है अन्दर से चाहे जितने अलग हो पर सब कमरों की छतें तो मिलती ही हैं बगिया सब की अपनी अपनी है पर हर चमन में कली एक प्यार की खिलती ही है की दुनिया कुछ और नहीं एक बड़ा घर समझ लो कमरा बदलने का दुःख न मनाओ की ठिकाना तो हमेशा यही रहेगा जीवन कोई मंजिल नहीं ये तो एक सफर है जो चलता ही रहेगा कल तक हम अनजान थे आज इन दीवारों में हमारी हंसी गूंजती है और कल फिर इस बड़े से घर में कही खो जायेंगे पर जुदाई पर अश्क न बहाओ की अब हम अनजान नहीं है